क्यूँ ऊजालों से ही है नफरत उनको ...
क्या रौशनी को अँधेरे मै बदलने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ पसंद नहीं है उन्हें एक माँ की ममता , और एक पत्नी का सिन्दूर ,
क्या उन सबको अनाथ और विधवा बनाने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ पसंद नहीं है उन्हें एक बहन की राखी और पिता का साया ,
क्या भारत को पाकिस्तान समझने की कसम खाई है !!!!!!
क्यूँ तुम नहीं समझते हो , खुदा के अन्दर भगवान और भगवान के अन्दर खुदा है !!!!
क्या एक हिन्दू को मुस्लिम बनाने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ तूने भारत के जख्मों पे नमक लगाने की कोशिश की है ,
क्या मुंबई को कराची बनाने की कसम खाई है !!!!!
क्या रौशनी को अँधेरे मै बदलने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ पसंद नहीं है उन्हें एक माँ की ममता , और एक पत्नी का सिन्दूर ,
क्या उन सबको अनाथ और विधवा बनाने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ पसंद नहीं है उन्हें एक बहन की राखी और पिता का साया ,
क्या भारत को पाकिस्तान समझने की कसम खाई है !!!!!!
क्यूँ तुम नहीं समझते हो , खुदा के अन्दर भगवान और भगवान के अन्दर खुदा है !!!!
क्या एक हिन्दू को मुस्लिम बनाने की कसम खाई है !!!!
क्यूँ तूने भारत के जख्मों पे नमक लगाने की कोशिश की है ,
क्या मुंबई को कराची बनाने की कसम खाई है !!!!!
आरज़ू है हर एक पाँव तुझे रौंदते हुए गुज़रे ,
अब तेरी शामत होगी क्यूंकि अब ये कसम हिंदुस्तान के तिरंगे ने खाई है .....
बस इंतज़ार है कसाब और हेडली की साँसों से भी "जय हिंद " की आवाजें सुनू,
अब ये कसम बीजेपी , RSS तो क्या "अनुराग " ने भी खाई है ..........!!!!!
<<<<अनुराग >>>>
Jai Hind !!!
ReplyDeletehappy independence day in advance to u tooo buddy!!!
Mast hai anu...really love u for that :) happy independence day to u
ReplyDeletekya baat ha ji "Jai Hind"
ReplyDeletenice yaar.... humne bhi ye kasam khai hai...
ReplyDeleteAwesome poem Anurag :) I was not aware that you write poems & its too meaningful!! Very thoughtful!!
ReplyDeleteHi Friends !!!! Thanks a ton for reading it and giving your valuable Comments!!!! it will definitely give me additional boost to Write more meaningful further :) :)
ReplyDeletevry nice poem yar....so thoughful touchable poem....keep it up....will be waiting for more poems writtn by you...All da best.....:)
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